Swami Dipankar: सनातन धर्म में एकता स्थापित करने के उद्देश्य से निकाली जा रही भिक्षा यात्रा का नेतृत्व कर रहे स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा है कि यह यात्रा देश के धार्मिक इतिहास में अब तक की सबसे लंबी और व्यापक यात्रा बन चुकी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वर्तमान समय में समाज की एकजुटता न केवल आवश्यकता है, बल्कि अनिवार्यता भी बन चुकी है। यदि समाज विभाजित होगा तो उसका परिणाम विघटन ही होगा, लेकिन एकजुट रहकर हम अपनी परंपराओं, संस्कृति और पहचान को सुरक्षित रख सकते हैं।
जातियों में बँटें हिन्दुओं को एक करने का भारत का सबसे बड़ा अभियान #भिक्षा_यात्रा जारी है।
आने वाली 23 नवम्बर को भिक्षा यात्रा को तीन वर्ष पूरे होंगे।
यात्रा जारी रहेगी, यात्रा को लेकर अपने सुझाव जरूर दें। pic.twitter.com/GjoTOc5487
— स्वामी दीपांकर (@swamidipankar) November 20, 2025
छह राज्यों से होकर गुजर चुकी है यात्रा
गिल कॉलोनी स्थित एक सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में स्वामी दीपांकर महाराज ने बताया कि यह भिक्षा यात्रा 23 नवंबर 2022 को देवबंद से आरंभ हुई थी और अब इस यात्रा को पूरे तीन वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इस अवधि में यात्रा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और बिहार सहित देश के कुल छह राज्यों से होकर गुजर चुकी है।
Swami Dipankar: एक करोड़ से ज्यादा लोग ले चुके हैं संकल्प
उन्होंने बताया कि अब तक एक करोड़ सात लाख से अधिक लोग इस यात्रा के माध्यम से एकीकरण का संकल्प ले चुके हैं, जो समाज में आपसी सहयोग और समन्वय की बढ़ती भावना का संकेत है। स्वामी दीपांकर ने कहा कि बिहार में इस यात्रा ने विशेष प्रभाव दिखाया, जहाँ लोगों ने सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर एकता का संदेश मजबूत किया। स्वामी दीपांकर ने विभिन्न धार्मिक और पौराणिक उदाहरण देते हुए कहा कि इतिहास और धर्मग्रंथ हमें हमेशा सामूहिकता की सीख देते हैं। भगवान राम ने लोककल्याण को लक्ष्य बनाकर सबको साथ लिया और भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की घटना के माध्यम से सबको एक सूत्र में पिरोने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में हिंदू समाज के लिए भी यही सीख आवश्यक है आपसी मतभेदों को भूलकर एकजुट होना।
प्रिय स्वामी दीपांकर जी 🙏
#भिक्षा_यात्रा की शुरुआत वास्तव में **23 नवंबर 2022** को देवबंद (सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) से हुई थी। यह आपकी उस पवित्र यात्रा का प्रारंभ था, जो छुआछूत, जाति-पात भेदभाव के विरुद्ध सनातन को एकजुट करने का अभियान है – और आज भी अनवरत जारी है।
आज **17 नवंबर…
— भिक्षा यात्रा (@bhikshayatra) November 17, 2025
हिंदू धर्म में जाति जैसा कोई शब्द नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि समाज में प्रचलित जातिगत विभाजन समय के साथ बढ़ा, लेकिन मूल रूप से हिंदू धर्म में जाति जैसा कोई शब्द नहीं है, उन्होंने बताया कि ‘कास्ट’ अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ और संदर्भ अलग है। उनका कहना था कि नेता अपनी राजनीति करेंगे, लेकिन संतों का कार्य समाज को जोड़ना और मार्गदर्शन देना है—और इसी उद्देश्य से भिक्षा यात्रा लगातार आगे बढ़ रही है। प्रेस सम्मेलन में पार्षद गौरव कपिल, गजेंद्र त्यागी, रविंद्र कालरा, अभिषेक त्यागी, आचार्य अंकित, हिमांशु भारद्वाज और शुभम पाल सहित कई स्थानीय कार्यकर्ता एवं सामाजिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
ये भी पढ़े… Ram Mandir: ध्वजारोहण कार्यक्रम में CM योगी ने दोहराया नारा ‘लाठी गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे…’







