MP News: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के गोहरगंज थाना क्षेत्र में 6 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के मामले को लेकर आक्रोश लगातार तीसरे दिन भी सड़कों पर दिखाई दिया। सोमवार को सुबह 11 बजे से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शाम तक चलता रहा। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे-46 को मंडीदीप से भोपाल तक लगभग 14 किलोमीटर तक जाम कर दिया। हाईवे पर 3.5 घंटे तक यातायात पूरी तरह से ठप रहा, जिसमें सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन फंस गए। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद जाम धीरे-धीरे हट पाया।
यह घटना 22 नवंबर की शाम की है, जब बच्ची घर के पास खेल रही थी और सब्ज़ी देने गई थी। इसी दौरान आरोपी सलमान खान उर्फ नजीर (23), पिता शहाबुद्दीन, उसे बहला-फुसलाकर जंगल की ओर ले गया। देर रात तक बच्ची घर नहीं लौटी तो परिवार और ग्रामीण तलाश में निकले, जहां बच्ची जंगल के पास खून से लथपथ और अचेत अवस्था में मिली। परिजनों का दावा है कि प्राथमिक इलाज में गंभीर देरी हुई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ओबैदुल्लागंज अस्पताल दोनों जगह डॉक्टर उपलब्ध नहीं मिले और एंबुलेंस समय पर नहीं मिली, जिसके बाद उसे निजी वाहन से एम्स भोपाल ले जाया गया।
बच्ची की स्थिति गंभीर, भोपाल AIIMS में भर्ती
AIIMS Bhopal के ICU वार्ड में बच्ची का इलाज जारी है। डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को गंभीर लेकिन नियंत्रण में बताया है। चिकित्सकों की विशेषज्ञ टीम लगातार निगरानी कर रही है।
MP News: आरोपी अब तक फरार, ₹20,000 का इनाम घोषित
रायसेन पुलिस ने आरोपी सलमान के खिलाफ POCSO Act में मामला दर्ज किया है। घटना के बाद से आरोपी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए रायसेन एसपी पंकज कुमार सिंह के निर्देश पर अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। मंडीदीप, भोपाल, सीहोर और अन्य क्षेत्रों में तलाश जारी है। आरोपी की गिरफ्तारी पर 20,000 का इनाम रखा गया है।
MP News: लगातार प्रदर्शन और तनाव
घटना के बाद से बाजार बंद रहे, थाने का घेराव हुआ और लगातार प्रदर्शन जारी हैं। हाईवे जाम हटाने के दौरान पुलिस–प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि लापरवाही के आरोपों की जांच की जाएगी।
बाल सुरक्षा पर समाज और सिस्टम कितने सजग ?
यह घटना फिर एक बार यह सवाल उठाती है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर सामाजिक सतर्कता, पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया, और चिकित्सा व्यवस्था की तैयारी कितनी पर्याप्त है। विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में तत्काल मेडिकल सहायता और तेज कानूनी प्रक्रिया अत्यंत आवश्यक है। प्रशासनिक जवाबदेही तय होना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी देरी और लापरवाही दोबारा न हो। समाज को बाल सुरक्षा और जागरूकता के मुद्दे पर एकजुट होकर मजबूत सहयोगी ढांचा बनाना चाहिए। आरोपी की तलाश जारी है और पुलिस ने नागरिकों से किसी भी सूचना पर तुरंत सहयोग करने की अपील की है।
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