UP News: एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए आए दिन नई-नई तकनीति लाने में जुटी है वहीं दूसरी तरफ विभाग में तैनात पुलिसकर्मी सरकार की किरकिरी कराते नजर आ रही है। ताजा मामला वाराणसी जिले का है, जहां एंटी करप्शन टीम ने महिला इंस्पेक्टर को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर ने टीम पर रौब जमाने की कोशिश की तो टीम उसे ऑफिस से खींचकर जबरन गाड़ी में बैठाया और कैंट थाने लेकर चली गई। जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर कॉन्स्टेबल के जरिए पैसा ले रही थी। इसके चलते कॉन्स्टेबल को भी गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, टीम कैंट थाने में महिला इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल से पूछताछ करने में जुटी है। महिला इंस्पेक्टर का नाम सुमित्रा देवी है। जो प्रयागराज की रहने वाली है।
अब पढ़े पूरा मामला
UP News: पीड़ित मेराज का कहना है कि मेरे छोटे भाई की पत्नी रुकसार ने 26 अगस्त को मेरे और परिवार के 13 सदस्यों पर मुकदमा दर्ज कराया था। इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी 28 सितंबर को मेरे घर आईं और मुझे जेल भेजने की धमकी देने लगी। मैं 10 अक्टूबर को महिला थाने पहुंचा और विवेचक इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी से मिला और अपने को निर्दोष बताया। विवेचना में तुम्हारा नाम निकल जाएगा। लेकिन 20 हजार रुपए देने होंगे। इसके बाद 16 अक्टूबर को मैं वाराणसी के एंटी करप्शन कार्यालय पहुंचा। मैंने उन्हें पूरी जानकारी दी।

टीम ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार
UP News: इसके बाद टीम ने 17 अक्टूबर को पूरा जाल बिछाया। जब मैं सुमित्रा देवी के पास पहुंचा तो मेरे से 10 हजार रुपए की मांग की गई। उन्होंने महिला आरक्षी अर्चना राय को 10 हजार रुपए देने को कहा और नाम निकालने की बात कही गई। इस बीच जैसे ही महिला आरक्षी अर्चना राय ने शिकायत करने वाले मेराज से 10 हजार रुपए लिए वैसे ही एंटी करप्शन टीम ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी 2010 से 2021 तक लखनऊ के विभिन्न थानों और चौकियों का कार्यभार संभाल चुकी है। जिन्हें 2 सितंबर 2021 को लखनऊ से वाराणसी भेजा गया था। जिसके बाद से ही वह वाराणसी महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही थी। कुछ समय बाद साल 2023 में पुलिस आयुक्त ने सुमित्रा देवी को राजातालाब थाने का प्रभारी निरीक्षक बनाया। लेकिन बाद में फिर से महिला थाने में इंस्पेक्टर बना दिया।







