Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां मंडी समिति के निरीक्षक पर धान व्यापारी से रिश्वत लेने का आरोप लगा है। मामले की शिकायत मिलने के बाद मंडी निरीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है। फिलहाल, आरोपी निरीक्षक को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरू कर दिया है।
अब पढ़े पूरा मामला…
Hapur News: दरअसल, दिल्ली के नरेला क्षेत्र निवासी व्यापारी यचित कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनकी फर्म ‘मैसर्स सुरेंद्र ट्रेडिंग’ के नाम से धान का व्यापार करती है। आठ अक्टूबर की रात उनकी फर्म का धान से भरा ट्रक नरेला मंडी से गढ़मुक्तेश्वर की ओर रवाना हुआ था, जिसे अल्लाबख्शपुर टोल प्लाजा के पास हापुड़ मंडी समिति के एक व्यक्ति ने रोक लिया। खुद को मंडी निरीक्षक बताते हुए व्यक्ति ने अपना नाम गौरव चौहान बताया और ट्रक के दस्तावेजों की जांच की। कागज़ों में कमी का हवाला देते हुए निरीक्षक ने 1.36 लाख रुपये की मंडी पेनल्टी लगाने की बात कही। व्यापारी द्वारा पेनल्टी माफ करने का अनुरोध करने पर निरीक्षक ने कथित रूप से 98 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
यचित कुमार का आरोप है कि उन्होंने निरीक्षक के निर्देश पर चालक के खाते में दो बार में 20-20 हजार रुपये ट्रांसफर किए और साथ ही मुकेश कुमार नामक व्यक्ति के क्यूआर कोड पर अलग-अलग राशि (1500, 6000 व 2000 रुपये) भेजी गई। बाद में कुछ धनराशि (9500 रुपये) वापस ट्रांसफर की गई, लेकिन ट्रक को नहीं छोड़ा गया। आरोप है कि निरीक्षक ने ट्रक छोड़ने के लिए कुल 98 हजार रुपये की मांग की और जब बाकी रकम नहीं दी गई, तो ट्रक को रोक लिया गया। इसके अतिरिक्त, डीडी मोटर और एक महेश नामक व्यक्ति के बैंक खातों में 40 हजार रुपये ट्रांसफर कराने का भी दबाव बनाया गया, हालांकि ट्रांजैक्शन विफल रही।
व्यापारी ने मामले की शिकायत हापुड़ के जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय से की। डीएम के निर्देश पर गढ़मुक्तेश्वर के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) ने जांच कराई। प्राथमिक जांच में मंडी निरीक्षक पर लगाए गए आरोप सही पाए गए। मामले में जानकारी देते हुए गढ़मुक्तेश्वर थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज बालियान ने बताया कि मंडी निरीक्षक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़े… UP News: जालौन को 1900 करोड़ की सौगात दे बोले सीएम योगी- सपा शासन में ‘दंगे और वसूली’ का दौर था!







