MP News: भारतीय सेना के थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी अपने गृह जनपद रीवा पहुंचे। जैसे ही सेना का विशेष विमान रीवा एयरस्ट्रिप पर उतरा, पूरा माहौल देशभक्ति और उत्साह से गूंज उठा। विमान से उतरते ही संतों ने उनका तिलक कर स्वागत किया। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सेना के जवानों और प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्पहार और शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया। हर कोई अपने शहर के बेटे पर गर्व महसूस करता दिखा, जिसने देश की सबसे बड़ी सैन्य जिम्मेदारी अपने कंधों पर संभाली है।
रीवा ने दी हिम्मत और संस्कार
MP News: इस मौके पर जनरल द्विवेदी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि सच कहूं तो मैं इस समय बेहद भावुक हूं। जिस मिट्टी में मेरा जन्म हुआ, उसी धरती पर दोबारा कदम रखना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। रीवा की भूमिका मेरी जीवन यात्रा में बहुत अहम रही है। मैं यहां की हवा, यहां के लोगों और इस धरती से शक्ति पाता हूं। मैं लंबे समय से इस मिट्टी को नमन करने की इच्छा रखता था। रीवा ने मुझे वो संस्कार और हिम्मत दी, जिनसे आज मैं यहां तक पहुंचा हूं।
जनरल द्विवेदी का रीवा से गहरा नाता
MP News: आपको बता दें कि जनरल द्विवेदी का रीवा से गहरा नाता रहा है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से ली, लेकिन असली सफर शुरू हुआ सैनिक स्कूल रीवा से, जहां से वे 1981 में पासआउट हुए। यहीं से उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होकर एक-एक कदम आगे बढ़ते हुए देश की सेवा की।
थल सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर, इंस्पेक्टर जनरल (असम राइफल्स) और एडिशनल डायरेक्टर जनरल (सेना मुख्यालय) जैसे अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई। इसके अलावा, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत सोमालिया और दक्षिण अफ्रीका में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी के रीवा पहुंचने से यह दिन यादगार बन गया। साथ ही शहर की धरती ने अपने सपूत को देश की सर्वोच्च सैन्य पदवी पर देखकर गर्व से सिर ऊंचा कर लिया।
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