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यज्ञों का महाकुंभ: ग्वालियर में पहली बार 1008 कुंडी लक्षचंडी यज्ञ का भव्य आयोजन

1008 कुंडों की स्थापना की जाएगी

नई दिल्ली में कोर ग्रुप बैठक सफलतापूर्वक संपन्न

12 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के फ्रेंड्स कॉलोनी वेस्ट में प्रतिष्ठित समाजसेवी श्री वासुदेव गर्ग जी के निवास स्थान पर एक महत्वपूर्ण कोर ग्रुप बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पहली बार आयोजित होने वाले 1008 कुंडी लक्षचंडी यज्ञ एवं यज्ञों के महाकुंभ की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित की गई थी। यह दिव्य आयोजन 14 से 21 अप्रैल 2025 तक संपन्न होगा, जिसका उद्देश्य विश्व कल्याण, राष्ट्र उन्नति और आध्यात्मिक जागरण को बढ़ावा देना है।

महायज्ञ का भव्य आयोजन एवं दिव्य उद्देश्य

इस ऐतिहासिक आयोजन का मार्गदर्शन राज्यमंत्री श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी बैराग्यानंद गिरी जी महाराज के सान्निध्य में किया जाएगा। इस यज्ञ के दौरान 1008 पवित्र हवन कुंडों की स्थापना की जाएगी और 21 आचार्यों एवं 11,000 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा 1 लाख दुर्गा सप्तशती पाठ किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, 11 पवित्र नदियों, 10 महाविद्याओं, 5 महासागरों, 2 देवी स्थानों एवं मानसरोवर से जल लाकर यज्ञ में आहुति दी जाएगी। इस दिव्य आयोजन के माध्यम से 11 करोड़ मंत्रों की आहुतियां समर्पित की जाएंगी, जो विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए एक अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा उत्पन्न करेंगी।

बैठक में सम्मानित व्यक्तियों की उपस्थिति

इस बैठक में कई प्रमुख सम्मानित व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से –

  • मुख्य यजमान श्री मुकेश अग्रवाल जी
  • भागवत कथा के मुख्य यजमान श्री कपिल कुमार जी
  • कलश स्थापना के यजमान श्री राहुल गर्ग जी
    इसके अलावा, महामंडलेश्वर स्वामी योगऋषि आनंद गिरी जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। सभी पदाधिकारियों ने यज्ञ की तैयारियों को लेकर विचार-विमर्श किया और इसे सफल बनाने के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया।

देश-विदेश की बड़ी हस्तियां होंगी सहभागी

इस महायज्ञ में देश-विदेश की कई प्रतिष्ठित हस्तियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। आयोजन समिति को उम्मीद है कि करीब 50 लाख श्रद्धालु इस महायज्ञ में भाग लेंगे और धर्म, संस्कृति तथा अध्यात्म का अनुपम संगम देखेंगे।

भारत भूमि पर पहली बार यज्ञों का महाकुंभ

यह पहली बार है जब भारत भूमि पर इस स्तर का यज्ञों का महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन के माध्यम से भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के महत्व को विश्व पटल पर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती प्रदान करेगा।

ग्वालियर में आयोजित होने वाला 1008 कुंडी लक्षचंडी महायज्ञ भारतीय संस्कृति का एक दिव्य संगम होगा, जो विश्व कल्याण, राष्ट्र उत्थान और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देगा। इस अद्भुत आयोजन में करोड़ों मंत्रों की आहुतियां विश्व शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगी। निश्चित रूप से यह महायज्ञ आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ऐतिहासिक प्रेरणा बनेगा।